tag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post5480958544406829238..comments2024-03-11T20:46:17.151+05:30Comments on विश्वमोहन उवाच : उगना के मालिक - विद्यापति विश्वमोहनhttp://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-10747639618425909092023-04-04T21:48:22.479+05:302023-04-04T21:48:22.479+05:30जी, बहुत आभार।जी, बहुत आभार।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-59726120161986774382023-04-04T18:15:34.910+05:302023-04-04T18:15:34.910+05:30वाह बहुत सुंदर मनमुग्ध अभिव्यक्ति
वाह बहुत सुंदर मनमुग्ध अभिव्यक्ति <br />Bharti Dashttps://www.blogger.com/profile/04896714022745650542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-454101216914060812022-10-08T22:28:08.548+05:302022-10-08T22:28:08.548+05:30जी, बहुत आभार!जी, बहुत आभार!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-11899732733417494232022-10-08T21:56:22.730+05:302022-10-08T21:56:22.730+05:30रोचकरोचकसुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-905803573255424052022-10-04T09:12:39.964+05:302022-10-04T09:12:39.964+05:30आपके इतने सुंदर शब्दों का विशेष आभार!!!आपके इतने सुंदर शब्दों का विशेष आभार!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-54415615638122189202022-10-04T09:11:13.423+05:302022-10-04T09:11:13.423+05:30जी, अत्यंत आभार!!!जी, अत्यंत आभार!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-25190115531660998452022-09-30T20:11:58.716+05:302022-09-30T20:11:58.716+05:30लेख पढ़ो और बस पढ़ते ही जाओ...
उम्दा अभिव्यक्ति..लेख पढ़ो और बस पढ़ते ही जाओ...<br />उम्दा अभिव्यक्ति..Rupa Singhhttps://www.blogger.com/profile/01854409611932530170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-63735469204985665972022-09-29T22:13:44.691+05:302022-09-29T22:13:44.691+05:30स्नातकोत्तर के बाद एक बार फिर विद्यापति से मिलना ह...स्नातकोत्तर के बाद एक बार फिर विद्यापति से मिलना हुआ। निश्चित रूप से विद्यकवि लोक के बड़े कवि हैं। पाठ्यक्रम में उनकी शृंगार परक रचनाएँ और आचार्य रामचंद्र शुक्ल की स्थापना के आलोक में तो ये विशुद्ध शृंगारिक कवि थे। इन्हें भक्त मानने का जी ही नहीं हुआ कभी। हां काव्य प्रतिभा में ये अप्रतिम हैं। इस सन्समरणात्मक लेख में आपने इनसे बहुत नज़दीक से मुलाक़ात करवाई। बहुत शुक्रिया। बहुत सुंदर लिखा है। भाषा में क्या रवानगी है! अद्भूत लेखन शैली। आपने कितनी मेहनत और मन से लिखा है, बहुत शानदारडॉ विभा नायकnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-60931788963823374142022-09-21T19:29:29.394+05:302022-09-21T19:29:29.394+05:30और हार्दिक आभार आपके अनुपम आशीष का।🙏और हार्दिक आभार आपके अनुपम आशीष का।🙏विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-27415899852028829482022-09-21T17:29:52.895+05:302022-09-21T17:29:52.895+05:30हृदय प्रफुल्लित करता परम आनंद दायी अद्भुत एवं अविस...हृदय प्रफुल्लित करता परम आनंद दायी अद्भुत एवं अविस्मरणीय लेख ।<br />पढ़कर निशब्द हूँ क्या कहूँ बस नमन कोटिश नमन आपको एवं आपके अनुपम लेखन को।🙏🙏🙏🙏🙏🙏Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-2917304041367130252022-09-20T05:27:32.325+05:302022-09-20T05:27:32.325+05:30लेख की अत्यंत सुंदर समीक्षा और उसके भावों के विस्त...लेख की अत्यंत सुंदर समीक्षा और उसके भावों के विस्तार से ऊझकती आपकी आशीष-दृष्टि का हृदयतल से आभार।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-20596609184075964192022-09-19T23:12:20.420+05:302022-09-19T23:12:20.420+05:30आदरनीय विश्वमोहन जी, ९हिन्दी साहित्य के अलंकार शिर...आदरनीय विश्वमोहन जी, ९हिन्दी साहित्य के अलंकार शिरोमणि कवि विद्यापति के निवास का ये यात्रा संस्मरण अपने आप में बहुत अनूठा और रोचक है। कवि विद्यापति से मेरा परिचय भी पाठ्य पुस्तकों में सम्मिलित उनकी चंद रचनाओं के रूप में ही रहा।स्नातकोत्तर कक्षा में थोड़ा और विस्तार से उन्हें जाना तो पता चला कि दरवारी कवि के रूप में वे ऐसे कवि माने जाते हैं जिन्होने राधा को आध्यात्मिकता से वास्तविकता के धरातल पर मानवी रूप में स्थापित किया।जहाँ वे नख से शिख तक सौन्दर्य युक्त एक आम नायिका हैं।उनके शृंगार ( संयोग- वियोग )का स्तर और दैहिक कामनाएँ भी उतनी ही स्वाभाविक और लौकिक है जितना एक आम युवती की । काव्य में शृंगार वर्णन और आलंकारिक सौंदर्य के साथ गेयता में भी उनका कोई सानी नहीं है।इस विभूति के प्रसिद्ध पदों के साथ उनके जन्म स्थान विसपी की यात्रा का रोचक वर्णन साहित्य प्रेमियों विशेषकर काव्य रसिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण और विशेष है। उनके आराध्य शिव का उनके घर 'उगना ' के रूप में सेवक बनकर आ जाना उनकी अनन्य शिव भक्ति की पूर्णता का परिचायक है। अपने आराध्य के प्रति उनकी आस्था और समर्पण की बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति हुई है इस लेख में।अन्त में उगना के मालिक का अपनी भक्ति की शक्ति से गंगाधर की अमृत गंगधार में विलीन होने का प्रसंग बहुत भावभीना है।कवि विद्यापति पर इस लेख में आपकी लेखनी की मिठास और भावपूर्ण अभिव्यक्ति अतुलनीय है।हार्दिक बधाई और आभार इस लेख को साझा करने के लिए 🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-61894355646476387962022-09-17T21:45:15.770+05:302022-09-17T21:45:15.770+05:30आपके अनुपम आशीष का हृदयतल से आभार!!!आपके अनुपम आशीष का हृदयतल से आभार!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-29960641030675194772022-09-17T21:03:56.914+05:302022-09-17T21:03:56.914+05:30"पुत्र विद्यापति को उसके जीवन का सर्वस्व मिल ..."पुत्र विद्यापति को उसके जीवन का सर्वस्व मिल चुका था। उसका पार्थीव शरीर अपनी माँ की गोद में समा चुका था। उसके अंतस्थल से माता के चरणों में श्रद्धा-शब्दों का तरल प्रवाह फूट रहा था:"<br /><br />इन पंक्तियों ने तो रोम रोम में सिहरन उत्पन्न कर दी।<br />आप का संस्मरण अविस्मरणीय है। और ् आदरणीय कविराज विद्यापति जी के जीवन, चरित्र और कविताओं का जो वर्णन किया है आपने वो अद्भुत है।काफी दिनों बाद ब्लाग भ्रमण पर निकली हूं, अफसोस है आपकी<br />बहुत से अनमोल रचनाओं का आनंद उठाने से वंचित रह गई थी। अब एक एक करके सभी को जरूर पढूंगी। सादर नमन आपको 🙏Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-79617191810736229122022-09-17T19:40:41.222+05:302022-09-17T19:40:41.222+05:30जी, बहुत आभार!!!जी, बहुत आभार!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-90048709440139221722022-09-17T15:54:09.967+05:302022-09-17T15:54:09.967+05:30बड़ी ही उम्दा अभिव्यक्तिबड़ी ही उम्दा अभिव्यक्तिMANOJ KAYALhttps://www.blogger.com/profile/13231334683622272666noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-39355221393167095292022-09-16T09:59:58.981+05:302022-09-16T09:59:58.981+05:30ये सारा लेखन तो आपके ही आशीष का प्रतिफलन है🙏ये सारा लेखन तो आपके ही आशीष का प्रतिफलन है🙏विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-46146605174113958602022-09-16T09:54:27.762+05:302022-09-16T09:54:27.762+05:30जी, हार्दिक आभार आपका।जी, हार्दिक आभार आपका।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-8988972525403319412022-09-16T00:29:58.216+05:302022-09-16T00:29:58.216+05:30फिर से कहती हूँ अद्भुत लेखन अद्भुत संस्मरण।फिर से कहती हूँ अद्भुत लेखन अद्भुत संस्मरण।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-39194978599816315922022-09-15T19:32:55.010+05:302022-09-15T19:32:55.010+05:30अनन्यभाव उद्रेचक। अनुपम सुख पाब....अनन्यभाव उद्रेचक। अनुपम सुख पाब....Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-37369053223617158322019-02-08T14:24:20.103+05:302019-02-08T14:24:20.103+05:30sweta sinha's profile photo
sweta sinha
Modera...sweta sinha's profile photo<br />sweta sinha<br />Moderator<br />+2<br />अद्भुत अद्भुत अलौकिक<br />कोई शब्द नहीं आपकी इस रचना के लिए।<br />Translate<br />Jul 9, 2017<br />Kusum Kothari's profile photo<br />Kusum Kothari<br />+2<br /> <br /><br />काव्य रसिकों का अपने प्रिय कवि के प्रति अनंत भक्ति भाव परमेश्वर की भक्ति के समकक्ष है आपने बहुत सुन्दर दृष्टांत के साथ भुक्त भोग का अद्भुत दृश्य अपनी सरस लेखनी से प्रवाहि किया नमन आपको नमन आपकी अतुल्य लेखन को। मैने भी हिंदी कवि मंच पर महाकवि विद्यापति जी पर लेख प्रारूप लिखा है पर संकलन कर के और आपने स्वयं अनुभव करके लिखा आलोकिक सा। साधुवाद वंदन। <br /><br />Translate<br />Jul 9, 2017<br />Vishwa Mohan's profile photo<br />Vishwa Mohan<br />+2<br />+Kusum Kothari <br />किसी भी आलेख की सार्थकता उसे गंभीर पाठक मिलने में है. आपकी गंभीरता और साहित्यिक समझ को प्रणाम तथा आभार!!!<br />Jul 9, 2017<br />Vishwa Mohan's profile photo<br />Vishwa Mohan<br />+1<br />+sweta sinha आपका बहुत आभार!!!<br />Jul 9, 2017<br />अमित जैन 'मौलिक''s profile photo<br />अमित जैन 'मौलिक'<br />Owner<br />+1<br />बहुत अद्भुत कविवर। सच में आनंद आ गया। उच्चता, श्रेष्ठता और वरिष्ठता को स्वीकार करना, उन्हें आदर्श मानना और उनके साहित्य का एक सकारात्मक विश्लेषण करना, आपको उन चंद विशिष्ट रचनाकारों में शुमार करता है जो सार्थक रचनात्मकता में विश्वास रखते हैं। <br /><br />महाकवि विद्यापति जी के बारे में आपका लेख पढ़ा। आपकी शैली और आपकी दृष्टि से बहुत प्रभावित हुआ। आपकी सोहबत आनंदित करने वाली है। सुंदरतम<br />Translate<br />Jul 9, 2017<br />Vishwa Mohan's profile photo<br />Vishwa Mohan<br />+1<br />+अमित जैन 'मौलिक' पाठक के रूप में आपकी गंभीरता और साहित्य-संजीदगी को आदाब! आभार!! एवं शुक्रिया !!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.com