tag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post2866525998501699164..comments2024-03-11T20:46:17.151+05:30Comments on विश्वमोहन उवाच : सह नाववतु । सह नौ भुनक्तु ।विश्वमोहनhttp://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-91576884618300703162022-10-04T09:10:32.514+05:302022-10-04T09:10:32.514+05:30जी, अत्यंत आभार!!!जी, अत्यंत आभार!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-16310213303359530262022-09-30T20:15:15.783+05:302022-09-30T20:15:15.783+05:30बहुत खूब..सजीव चित्रण👌👌बहुत खूब..सजीव चित्रण👌👌Rupa Singhhttps://www.blogger.com/profile/01854409611932530170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-8882958128725306222022-09-21T23:24:30.863+05:302022-09-21T23:24:30.863+05:30जी, आपकी सुंदर भावनाओं को भी नमन।जी, आपकी सुंदर भावनाओं को भी नमन।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-39115961503038507852022-09-21T21:35:16.860+05:302022-09-21T21:35:16.860+05:30बहुत ही लाजवाब एवं भावपूर्ण संस्मरण।
सचमुच पहले &q...बहुत ही लाजवाब एवं भावपूर्ण संस्मरण।<br />सचमुच पहले "गुरु कुम्हार शिष कुम्भ है...... बाहर मारे चोट" कुछ ज्यादा ही माना जाता था और गुरु साधिकार मार को ही सफलता की पहली सीढ़ी बनाते थे । रही सही अभिभावक पूरी करते ।नतीजा भी 27 से सीधे 70।<br />और उन्हीं गुरुओं के प्रति उम्र भर इतनी श्रद्धा इतना सम्मान ।<br />नमन आपको एवं उन सभी ईश्वरतुल्य गुरुओं को ।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-5279283005129028232022-09-08T17:08:01.312+05:302022-09-08T17:08:01.312+05:30जी, अत्यंत आभार!!!!जी, अत्यंत आभार!!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-9390546145123148272022-09-08T17:06:14.378+05:302022-09-08T17:06:14.378+05:30सुन्दर भावपूर्ण संस्मरणसुन्दर भावपूर्ण संस्मरणMANOJ KAYALhttps://www.blogger.com/profile/13231334683622272666noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-32983444095934109812022-09-07T21:38:22.916+05:302022-09-07T21:38:22.916+05:30जी, अत्यंत आभार।जी, अत्यंत आभार।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-68965025633217767332022-09-07T20:49:39.628+05:302022-09-07T20:49:39.628+05:30आत्म-समर्पित आत्मान्वेषण। तस्मै श्री गुरुवे नमः।आत्म-समर्पित आत्मान्वेषण। तस्मै श्री गुरुवे नमः।Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-53099882864938236022022-09-06T15:37:08.006+05:302022-09-06T15:37:08.006+05:30जी सर, गुरु तो आप भी हैं, मेरे। भले इस शिष्य को आप...जी सर, गुरु तो आप भी हैं, मेरे। भले इस शिष्य को आप स्वीकार या न! अत्यंत आभार आपके आशीष का (जो मैं आपसे झटक लेता हूं😄)।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-3819463109915327962022-09-06T13:50:02.376+05:302022-09-06T13:50:02.376+05:30इस हीरे को तराशने में कलाकारों ने छड़ी जैसे काफ़ी पै...इस हीरे को तराशने में कलाकारों ने छड़ी जैसे काफ़ी पैने और कठोर उपकरणों का प्रयोग किया है. <br />यह हीरा हमको विश्वेशरैया का छात्र कम और हजारी प्रसाद द्विवेदी, विद्यानिवास मिश्र का शिष्य अधिक दिखता है.<br />मित्र, तुम्हारी बहुमुखी प्रतिभा को निखारने वाले सभी गुरुजन को मेरा सादर प्रणाम !गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-56805898114655124232022-09-06T09:25:19.949+05:302022-09-06T09:25:19.949+05:30अत्यंत भावपूर्ण और तार्किक विवेचना। बहुत आभार आपके...अत्यंत भावपूर्ण और तार्किक विवेचना। बहुत आभार आपके सुंदर आशीष पूर्ण शब्दों के।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-57525391739670733202022-09-06T00:27:13.052+05:302022-09-06T00:27:13.052+05:30आदरनीय विश्वमोहन जी,एक अल्हड़ बालक की भाषा के सं...आदरनीय विश्वमोहन जी,एक अल्हड़ बालक की भाषा के संघर्ष की सफल यात्रा को अपने आप में समेटती ये अंतर्कथा पढ़ने में जितनी रोचक है उतनी ही भावपूर्ण भी है।एक पीढ़ी की शिक्षा-दीक्षा और नैतिक उत्थान में माता-पिता का दिया दंड और भय की बहुत बड़ी भूमिका रहती थी।जिन्होने उस असहनीय दंड की पीड़ा को सहा,वे कुंदन बन चमके।विद्यार्थी जीवन में प्राय सभी इसी तरह के अनुभवों से गुजरते जीते हैं।पर उन दिनों जहाँ शिक्षकों का अपने लापरवाह शिष्यों लिए दंड विधान गौरव का विषय था,वहीं ये उनका निरंकुश क्षेत्र था, जिसमें माँ बाप का किसी तरह का दखल अमान्य था। वो भी उस तरह के छात्र के लिए,वो सजा संजीवनी बनी, जो भले थोड़ा-सा अल्हड़ था पर माँ के विवश सजल नयनों की भाषा और उनमें छिपा मूक सन्देश पढ़ना उसे खूब आता था, जिसने भाषा पर सम्पूर्ण अधिकार का उसका मार्ग प्रशस्त किया।जिसकी बदौलत अनेक उपलब्धियों के साथ एक गरिमामय पद तक पहुँचना नितांत गौरव का विषय है। हिन्दी भाषा के इस गौरवशाली सफ़र को सुखद बनाने वाले समस्त गुरूजनों की पुण्य स्मृतियों को आपने जिन कृतज्ञ भावों में पिरोया है उनमें उन गुरूजनों के कुशल मार्गदर्शन और अतुल्य ज्ञान दीक्षा की मनोहर झलक मिलती है।<br />सह नाववतु । सह नौ भुनक्तु ।--'<br />शायद ऋषि मेधा से उत्पन्न ये श्लोक इसी गुरु-शिष्य परम्परा की संपूर्णता का परिचायक है।एक भावनात्मक संस्मरण के लिए कोटि आभार जिसमें आपने आदर्श गुरूजनों को शब्दों में जीवंत कर उनके विराट व्यक्तित्व के दर्शन करवा अपने स्नेही साहित्य प्रेमी पाठकों को अनुगृहित किया है।समस्त गुरु सत्ता को सादर नमन 🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/06997620258324629635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-70869793903959648892022-09-05T17:12:55.814+05:302022-09-05T17:12:55.814+05:30जी, हार्दिक आभार!!!जी, हार्दिक आभार!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-90524494929063416282022-09-05T15:49:16.833+05:302022-09-05T15:49:16.833+05:30सुंदर संस्मरण।हर गुरु अपनी कोई विशेष भेंट दे गया,औ...सुंदर संस्मरण।हर गुरु अपनी कोई विशेष भेंट दे गया,और हमारे व्यक्तित्व को नया आयाम देता गया।उनके सदैव ऋणी रहेंगे हम।Dr.Rashmi Thakurhttps://www.blogger.com/profile/00793082534528747428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-51232173284091159672022-09-05T06:45:06.670+05:302022-09-05T06:45:06.670+05:30जी, हार्दिक आभार!!!जी, हार्दिक आभार!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-72902291239110633812022-09-04T23:56:12.768+05:302022-09-04T23:56:12.768+05:30You took us, on such a beautiful walk down the mem...You took us, on such a beautiful walk down the memory lane. Very well expressed ! Enjoyed reading 🙂Namita Sinha Ambashthttps://www.blogger.com/profile/17520511943021938954noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-45736746704049205782022-09-04T23:14:48.895+05:302022-09-04T23:14:48.895+05:30जी, हार्दिक आभार!!!जी, हार्दिक आभार!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-57667105215214833722022-09-04T23:08:30.889+05:302022-09-04T23:08:30.889+05:30बहुत सुन्दर ❤️🌻बहुत सुन्दर ❤️🌻शिवम कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/04835045259840214933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-13351489364792011972021-09-05T19:37:31.944+05:302021-09-05T19:37:31.944+05:30जी, अत्यंत आभार।जी, अत्यंत आभार।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-33507517604629994532021-09-05T19:07:25.218+05:302021-09-05T19:07:25.218+05:30वाह शुभकामनाएं वाह शुभकामनाएं सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-69897394286506009362021-09-05T18:33:34.969+05:302021-09-05T18:33:34.969+05:30जी, अत्यंत आभार!!!जी, अत्यंत आभार!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-5814946780106637912021-09-05T17:11:24.652+05:302021-09-05T17:11:24.652+05:30वाह! सजीव संस्मरण जो आपकी शैक्षिक यात्रा के साथ सा...वाह! सजीव संस्मरण जो आपकी शैक्षिक यात्रा के साथ साथ हमें भी अपने बचपन और विद्यालय की चारदीवारी के भीतर घुमा कर लाता है। <br /><br />सादरअपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-10704362568336512132020-10-03T14:04:39.774+05:302020-10-03T14:04:39.774+05:30जी, सादर आभार!!!जी, सादर आभार!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-36669799952732077572020-10-03T10:36:11.881+05:302020-10-03T10:36:11.881+05:30परत दर परत विचारों को समेटे बहुत शब्द- भाव प्रवीण ...परत दर परत विचारों को समेटे बहुत शब्द- भाव प्रवीण बढ़िया संस्मरण।Pammi singh'tripti'https://www.blogger.com/profile/13403306011065831642noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-86037270663480618962019-09-06T08:17:06.891+05:302019-09-06T08:17:06.891+05:30ये सारे शब्द-चित्र उन पूज्य गुरुदेवों की सौंपी गयी...ये सारे शब्द-चित्र उन पूज्य गुरुदेवों की सौंपी गयी साझी विरासत है। अत्यंत आभार आपका।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.com