tag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post9211689020814935052..comments2024-03-11T20:46:17.151+05:30Comments on विश्वमोहन उवाच : कथा सभ्यता की. विश्वमोहनhttp://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-30098465442929627242019-02-24T00:49:03.680+05:302019-02-24T00:49:03.680+05:30सभ्यता की कथा का बड़ा रोचक वर्णन है | ...सभ्यता की कथा का बड़ा रोचक वर्णन है | यद्यपि ये विषय अनंत है फिर भी आपने महत्वपूर्ण बिन्दुओं को उकेरा है -- थोड़े शब्दों में आप बहुत कह पाने में सफल रहे हैं | सादर ----शुभकामना |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376745467710236793.post-1978488123684168802019-02-08T13:37:37.486+05:302019-02-08T13:37:37.486+05:30Harsh Wardhan Jog's profile photo
Harsh Wardha...Harsh Wardhan Jog's profile photo<br />Harsh Wardhan Jog<br />+1<br />विज्ञानं की नज़र में तो क्रमागत उन्नति - evolution हुई जो तर्क संगत है. पहला मानव एकदम से आ गया होगा ये बात धार्मिक ग्रंथों की है. 2. बुद्ध अवतार थे या नहीं पता नहीं. पर उन्होंने स्वयं कहा कि उनसे पहले भी बौद्ध हुए हैं और बाद में भी होंगे. बुद्ध ने आत्मा परमात्मा के बजाए प्रकृति के नियमों पर जोर दिया. <br />Translate<br />Sep 9, 2017<br />Vishwa Mohan's profile photo<br />Vishwa Mohan<br />+Harsh Wardhan Jog बहुत सही. उद्भव की प्रक्रिया और विकास भी प्रकृति के नियमों के अनुशासन में ही अनुक्रमित रही होगी.<br />विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.com