श्वेत शशक सा शरद सुभग सलोना
चमक चांदनी चक मक कोना कोना
राजे रजत रजनी का चंचल चितवन
प्लावित पीयूष प्रेम पिया का तन मन
पवन शरारत सनन सनन सन
पुलकित पूनम तन मन छन छन
कर स्पंदन विश्व विकल मन
चरम चिरंतन चिन्मय चेतन
चमक चांदनी चक मक कोना कोना
राजे रजत रजनी का चंचल चितवन
प्लावित पीयूष प्रेम पिया का तन मन
पवन शरारत सनन सनन सन
पुलकित पूनम तन मन छन छन
कर स्पंदन विश्व विकल मन
चरम चिरंतन चिन्मय चेतन
कुंदेंदु कला की तू कुंतल
तरुणाई
लाजवंती ललना लोचन
ललचायी
सिहर सिहर सरस
समीर सरमायी
अंग अनंग बहुरंग भंग अंगड़ाई
अमरावती की अमर वेळ
तू
मदन प्रेमघन मधुर
मेल तू
तरुण कुञ्ज तरु लता
पाश
वृन्दा वन वनिता
विलास,
कान्हा की मुरली के
अधर
हे प्रेम पिक के
कोकिल स्वर!
किस ग्रन्थ गह्वर के
राग छंद ये गाई,
लय, लास, लोल, लावण्य घोल तू लाई
मन मंदिर में तू,
मंद मंद मुस्काई
प्राणों में
प्रेयसी, प्रीत प्राण भर लाई
कलकल छलछल छलक मदिरा छाई
शाश्वत सुवास सा श्वास श्वास छितराई
सतरंगी सी,
इन्द्रधनुषी! रास रंग अतिरेक
एक और एक प्रेम गणित
में होते सदा ही एक!