मैं सजीव
तुम निर्जीव!
तुम्हारे चैतन्य के
जितना करीब आया।
अपने को
उतना ही
जड़ पाया।
स्थावर शव,
जंगम शक्ति।
यायावर शिव बनाया!
मन खेले, तन से,
और अघाये आत्मा।
ज्यों
खिलौनों से खेले शिशु,
और हर्षाये
पिता माँ।
बदलते खिलौने,
बढ़ता बालक,
पुलकित पालक।
यंत्रवत जगत!
क्षणभंगुर जीव
समजीवी संसार
सम्मोहक काल
सबका पालनहार।
दृश्य, द्रष्टा दृश्यमान,
रथ,रथी, सारथी ,
सर्वशक्तिमान!
स्वर, व्यंजन ,
हृस्व, दीर्घ,प्लुत।
सबसे परे ........अद्भुत!
कौन सजीव,
कौन निर्जीव?
किसकी देह,
किसका जीव?
कौन करता
कौन कृत।
किसका करम,
किसके निमित्त।
भरम जाल
उलझा गया काल!
जीव जकड़े देह,
भरमाये जगत
जड़-चेतन,आगत विगत।
विदा स्वागत, त्याजे साजे
रासलीला, पूर्ववत।
आवर्त, अनवरत,सरल- वक्र
आलम्ब, आघूर्ण, काल चक्र!
खेल गज़ब रब का
जनम करम खातमा।
अघाये परमात्मा!
तुम निर्जीव!
तुम्हारे चैतन्य के
जितना करीब आया।
अपने को
उतना ही
जड़ पाया।
स्थावर शव,
जंगम शक्ति।
यायावर शिव बनाया!
मन खेले, तन से,
और अघाये आत्मा।
ज्यों
खिलौनों से खेले शिशु,
और हर्षाये
पिता माँ।
बदलते खिलौने,
बढ़ता बालक,
पुलकित पालक।
यंत्रवत जगत!
क्षणभंगुर जीव
समजीवी संसार
सम्मोहक काल
सबका पालनहार।
दृश्य, द्रष्टा दृश्यमान,
रथ,रथी, सारथी ,
सर्वशक्तिमान!
स्वर, व्यंजन ,
हृस्व, दीर्घ,प्लुत।
सबसे परे ........अद्भुत!
कौन सजीव,
कौन निर्जीव?
किसकी देह,
किसका जीव?
कौन करता
कौन कृत।
किसका करम,
किसके निमित्त।
भरम जाल
उलझा गया काल!
जीव जकड़े देह,
भरमाये जगत
जड़-चेतन,आगत विगत।
विदा स्वागत, त्याजे साजे
रासलीला, पूर्ववत।
आवर्त, अनवरत,सरल- वक्र
आलम्ब, आघूर्ण, काल चक्र!
खेल गज़ब रब का
जनम करम खातमा।
अघाये परमात्मा!
कही- अनकही's profile photo
ReplyDeleteकही- अनकही
+1
वाह! ये जीवन दर्शन. बहुत ऊंची बात
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Oct 3, 2017
Indira Gupta's profile photo
Indira Gupta
+1
👌👌👌👌👏👏👏👏
जीवन दर्शन ज्ञान संग
बहे सच्चिदानंद सदभाव ..
सज्जन नियरे राखिये
तभी .....
बडे कह गये बात !!
👍👍👍👍👍👍
सार्थक पोस्ट विश्व मोहन जी सदा की तरह अविभूत हो गये ...🙏🙏
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Oct 4, 2017
Vishwa Mohan's profile photo
Vishwa Mohan
+Aparna Bajpai आभार , आदरणीय !
Oct 4, 2017
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Vishwa Mohan
+Indira Gupta आभार , आदरणीय !
Oct 4, 2017
Kusum Kothari's profile photo
Kusum Kothari
+1
शब्दों का खजाना आपका अति विस्तृत है
नमन!!!!
और उनसे जादूगरी भी कमाल है।
संसार की नश्वरता का इतना सटीक विस्तृत और अलंकारों के करिश्मे से संसार मे धर्म से डिगते हुये प्राणियों को स्थिर करे साराये वाराये और धाराये इत्यादि अनेक गुणों से युक्त
क्लिष्ट रचना।
शुभ दिवस ।
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Oct 5, 2017
Vishwa Mohan's profile photo
Vishwa Mohan
+Kusum Kothari अत्यंत आभार !