न जाने, मन
क्यों भटका है ?
प्रचार तंत्र में जा अटका
है !
राजनीति का पंकिल पथ है,
जनता हत है और लथपथ है.
पंचवर्षीय काल खंड के,
प्रजातंत्र के पर्व-प्रचंड
में.
मनभावन है छटा बिखेरी.
नीति-प्रपंच और छल-पाखंड ने.
दल परिवर्तन की बयार है,
गिरगिट भी आज शर्मशार है.
वारे-नारे गलियारों में,
गांधी दिखते हत्यारों में.
कोई लोहिया, कोई लोहा
लाये,
कोई कबीर का दोहा गाये.
और कर में धारे अम्बेदकर,
बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय.
खिदमतगारों का खूब मज़मा है,
फतवा से अल्लाह सहमा है.
और, सनातन ऐसे
जागे,
हर-हर डर कैलाश को भागे.
वामपंथ ने
ली डकार है,
दक्षिणपंथी की हुंकार है.
आडम्बर की ओट में छुपकर,
आम आदमी पर हुआ प्रहार है.
सामाजिक न्याय के सब्जबाग में,
कोई विकास का बिगुल बजाये.
सम्पूर्ण-क्रांति की मृग-मरीचिका,
जन-गण-मन को फिर भरमाये.
भ्रष्टाचार के भव्य दहन में,
बंशी बजाये, नीरो मस्त
है.
कपटी नेता व्योम में विचरे,
झुलसी जनता आहत त्रस्त है.
तंत्र है जन का, मत है मन
का,
अब निकाल लो तीर कमान की.
बेटा, क्या बिगाड़
के डर से,
नहीं करोगे, बात ईमान की !
हर दम हारे , अब ना हारें,
छलियों का ये नया दाव है.
उठो पार्थ, गांडीव सम्भालो,
मारो मुहर , आया चुनाव
है.
------ विश्वमोहन
bhaut hi sachi kavita hai... kavita ka aant sabse gahara hai...
ReplyDeleteसमाज को सच्चे पारखी,जौहरी और अस्थि दान देने वाले मनीषि दधीची की आवश्यकता है. आपके आशिर्वाद हेतु साधुवाद!!!
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ReplyDeleteIndira Gupta
+1
उत्तम अति उत्तम .....जो डर गया सो मर गया
नमन
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Nov 2, 2017
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Vishwa Mohan
+Indira Gupta आभार!
Nov 2, 2017
अमित जैन 'मौलिक''s profile photo
अमित जैन 'मौलिक'
Owner
+1
देश की आवाम को उनके कर्तव्य और ताकत का अहसास कराती जोश जगाती बहुत अच्छी कविता।
Vishwa Mohan
आभार!
Nov 2, 2017
Pushpendra Dwivedi's profile photo
Pushpendra Dwivedi
+1
वाह अति सुन्दर
+gopal mehta वाह!!! क्या खूब लिखा !
बहुत बहुत आभार और साधुवाद उत्कृष्ट टिपण्णी के लिए !
Nov 3, 2017
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Indira Gupta
+2
+gopal mehta
वाह pushpendra ज़ी बेहतरीन ..����������
आदमी लिखा मेने इंसा नहीँ लिखा समझना ......पंक्ति के लेखन ने.... सब कितना स्पष्ट दिखा दिया ...आदमी होना नी दुश्वार है ....
इंसा है भ्रम कैसे पाल लिया ! !
��������
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Nov 3, 2017
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Pushpendra Dwivedi
+1
+Vishwa Mohan हार्दिक स्वागत है आदरणीय
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Nov 3, 2017
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Pushpendra Dwivedi
+1
+Indira Gupta मेरे हिसाब से तो इन्हे आदमी की संज्ञा देना आपकी महानता को प्रदर्शित करता है
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Nov 3, 2017
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Indira Gupta
+2
+Pushpendra Dwivedi ��������
Nov 3, 2017
बहुत खूब! नमन आपके महान जज्बे को!
Nov 4, 2017
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Indira Gupta
+1
+gopal mehta
साधुवाद साधुवाद गोपाल ज़ी ..
आपके एक एक शब्द , एक एक प्रसँग , एक एक भाव को नमन कविवर ....कहीँ कुछ गहरा चुभ गया ...मित्र क्षमा ��
....शब्द है कहे किसी और विचार से जाते है और यदि समझे किसी और विचार से जाये तो भ्रामक स्तिथि पैदा हो जाती है ! आप का दिल दुखाने का किसी का मकसद नहीँ है बस कहीँ वैचारिक मतभेद या भावो को ना व्यक्त कर पाने की कमी ने
आपके मन को हताहत करने की स्तिथि उत्पन्न कर दी !
जो इस उत्तम वैचारिक महानुभावो से शोभित मँच के लिये किंचित मात्र भी रुचिकर नहीँ है !
��������������������
महज 23वर्ष और 2माह की उम्र मै भ्रष्टाचार मै लिप्त ना होने की शपथ को जीवित रखने के खातिर आपने शासकीय नौकरी छोड़ दी ....������������������
निश्चय ही आप अति आदर और श्रद्धा के काबिल है गोपाल मेहता ज़ी ...आपकी इस उच्च कोटि की भावना को उड़ती बात मँच का नमन ��करता है और भूरि भूरि प्रसँँसा करता है ! निश्चय ही आप सम्मान के हकदार है !
पर अब .��
रात गई बात गई को मद्दे नजर रखते हुऐ
सभी से अनुरोध है अब इस बात को यहीं समाप्त करते हुऐ भुला दिया जाये !
कल का सूर्य नई ऊष्मा नई रोशनी नये विचार के साथ मँच पर उदित हो !
ऐसी आप सभी से कामना रखती हू ...
पुन : क्षमा गोपाल ज़ी
शुभ रात्री
NITU THAKUR: sacchai ka satik varnan .....bahot badhiya rachna
ReplyDeleteVishwa Mohan: +Nitu Thakur अत्यंत आभार आपका !!!
चुनावी दंगल सजे है उस पर ये खरी-खरी बातें बहुत ही मनभावन हैं | अब जनता रूपी पार्थ गांडीव संभाले और तीर वहीँ मारे जहाँ देश हित है तभी बात बनेगी | बिगाड़ के डर से ईमान बिगड़ जाए ये राष्ट्र के प्रति कृतघ्नता है | सार्थक और सम सामयिक सृजन के लिए साधुवाद आदरणीय विश्वमोहन जी | सादर --
ReplyDeleteजी, अत्यंत आभार इस सुंदर समीक्षा का।
Deleteवामपंथ ने ली डकार है,
ReplyDeleteदक्षिणपंथी की हुंकार है.
आडम्बर की ओट में छुपकर,
आम आदमी पर हुआ प्रहार है.
वाह!!!!
निःशब्द हूँ आज के कटु सत्य पर धारदार अभिव्यक्ति
बहुत ही लाजवाब
जी, बहुत आभार।
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