(१)
(३)
ये गइया के चरवैया!
ब्रह्मपिशाच! गोबर्द्धन-बिलास!
अबकी गले
का अटकाये हो!
कमला
बलान से बागमती
गंगा
से गंडक मिल गयीI
चुई,
चुई, चांचर झोपड़
भीत
कोटर, मड़ई गील भईI
महापाश
में महानंदा के
कमसीन सी,
कोशी खिल गयीI
संग सोन
पुन पुन रास में
गाँव गँवई
घर झील भईI
बजरी बिजुरी,
कपार किसान के!
(२)
गाँजे के दम
हाकिम की मनमानी।
दारू की तलाशी,
खाकी की चानी।
मिथिला मगह कोशी सारण
सरमसार अंग, चंपारण, पानी पानी !
लील गयी दरिया
जान धान गोरु खटिया
तहस नहस ख़तम कहानी।
हाकिम की मनमानी।
दारू की तलाशी,
खाकी की चानी।
मिथिला मगह कोशी सारण
सरमसार अंग, चंपारण, पानी पानी !
लील गयी दरिया
जान धान गोरु खटिया
तहस नहस ख़तम कहानी।
(३)
ये गइया के चरवैया!
ब्रह्मपिशाच! गोबर्द्धन-बिलास!
अबकी गले
का अटकाये हो!
भईया, का खाये हो?
जो गंगा मईया को
सखी सलेहर संग,
गरीबन के चूल्हा चाकी
दिखाने आये हो।
जो गंगा मईया को
सखी सलेहर संग,
गरीबन के चूल्हा चाकी
दिखाने आये हो।
Harsh Wardhan Jog's profile photo
ReplyDeleteHarsh Wardhan Jog
+1
हाकिम की कोई accountability नहीं है वरना तो सुधार हो जाता.
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Aug 18, 2017
jai prkash Battely's profile photo
jai prkash Battely
+1
battely2.blogspot.in - फ्री वैकल्पिक चिकित्सा कोर्स एंव ब्युटी क्लीनिक कोर्स
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Aug 18, 2017
Vishwa Mohan's profile photo
Vishwa Mohan
+1
+Harsh Wardhan Jog बहुत सही. आभार!
अप्रतीम रचना।बहुत ही सुंदर।
ReplyDeleteजी, बहुत आभार आपका।
Deleteवाह ! खूबसूरत प्रस्तुति आदरणीय ! बहुत खूब ।
ReplyDeleteजी, आभार।
ReplyDeleteजी, बहुत आभार आपका।
ReplyDeleteनामीगिरामी नदियों के प्रकोप से झील बने गांवों और बिहार के जनमानस के सपनों पर गिरती ओस का जीवंत शब्द चित्र । अंत में गैया के चिरैया को ये उपालंभ तो बनता है कि हर बार दुनिया को आखेट बनाकर तमाशा देखना कहाँ का न्याय है !!मार्मिक रचना जो बाढ़ की विभीषिका झेल रहे लोकजीवंन के मर्मांतक पक्ष से रूबरू कराती है। सादर🙏🙏
ReplyDeleteजी, हमेशा की तरह उत्साह का संचार करने वाली आपकी खास अंदाज वाली समीक्षा। एक सत्तासीन नेता ने टिप्पणी की थी कि गंगा मैया गरीबों की बस्ती देखने आयी थीं। उसी नेता ने कुछ दिन पहले कहा था कि उसके गले में ब्रह्म पिशाच के प्रवेश करने के कारण उसके मुंह से निकल गया था कि उसने गो मांस का भक्षण किया है। उसी पर हमने इस कविता में तंज कसा है। बहुत आभार और साधुवाद आपका।
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