(भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 13 फरवरी को सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर मनाया जाता है। उनका जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद , भारत में हुआ था।)
ना ही तुम ना हम ही कम,
हैं सृजन सहकार हम।
भूल गयी तुम हिम तुंग,
व्याप चतुर्दिक गहन तम।
प्रत्यभिज्ञा नीर पलक का,
बूंद बूंद भी थी गई जम।
प्रलय की परिणति में,
विश्व का व्यापार था थम।
तू श्रद्धा बनकर आई थी,
जीवन को जगाई थी।
हरी मन की हर पीड़ा तू,
चैतन मनु मैं, इष्ट इड़ा तू।
प्रेम तत्व की भक्ति हो तुम,
और शिव की शक्ति हो तुम।
राधा बिन कान्हा भी आधा,
शक्तिहीन शिव शव हों बाधा।
पुरुष प्रकृति तत्व ने तो,
अर्द्धनारीश्वर रूप उकेरा।
जड़ चेतन सहकार में,
आधा तेरा, आधा मेरा।
आधा तेरा,आधा मेरा..अप्रतिम एक अंतराल के बाद पुराने तेवर में
ReplyDeleteआपकी रचना पढ़कर मन प्रसन्न हो गया।
लाज़वाब रचना।
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार १३ फरवरी २०२५ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
हार्दिक आभार। आज तो शुक्र भी अपने ही घर ❤️ में था। शुभ वसंतोत्सव🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Deleteवाह! विश्व मोहन जी ,बेहतरीन सृजन!
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसुंदर सृजन
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteशीर्षक ही बेमिसाल है।
ReplyDeleteबहुत सुंदर पंक्तियां।
हार्दिक आभार।
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