Thursday, 24 July 2014

अंधेरे में दीया जलाओ



प्रिय, प्रीत के गीत सुनाओ,
अंधियारे मे दीया जलाओ.
शब्द मेरे और सुर हो तेरे,
जीवन से हो दूर अंधेरे.

विपदा की बदली जब घेरे,
सजनी मेघ राग तुम छेड़े.
छंटे घन हो सुख के उजियाले,
बांध समा कुछ ऐसा गा ले.

निशा दिवा के आलिंगन में,
एक प्रहर तो यूं मना लो.
कि दुख भागे और सुख जागे,
अंधियारे में दीया जला लो.

जीवन के प्रतिकुल विषम में,
प्रेम राग ही संजीवन है.
कर्म ज्ञान प्रचंड प्रांगण में,
शीतल भक्ति रस रंजन है.

अधरों पे अमृत तू धारे,
जीव जगत से करे किनारे.
चेतन अक्षय लय सुर ढ़ारे,
ब्रह्म सत्य श्लोक उचारे.



            बज उठे कन्हैया की मुरली,
और राधा की पायल झमके.
ले हिमाचल में उमा बलैया,
हर हर की हर डमरु थपके.

सुर सप्तक सम्राज्ञी साधो,
आओ दीपक राग सुनाओ.
चित चहके, मन मह मह महके,
अंधेरे में दीया जलाओ.

ये जग है माटी का दीया,
तैल तृष्णा आप्लावित है.
अज्ञान अमावस है कातिक की,
घोर तिमिर धरा शापित है.

मैं बाती, तू मेरी जोत बन,
आलोकित कण-कण कर जाओ.
ब्रह्म-ज्योति जग जगमग कर दे,
दीप जलाओ दीप जलाओ.






27 comments:

  1. Shubha Mehta's profile photo
    Shubha Mehta
    +1
    वाह!!बहुत सुंदर ...दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ।
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    Vishwa Mohan's profile photo
    Vishwa Mohan
    +Shubha Mehta आपको दीपावली की सादर सपरिवार शुभकामनाएं!!!
    13w
    Renu's profile photo
    Renu
    +1
    दीपपर्व की सुंदर प्रतीकात्मक रचना | हार्दिक शुभकामनायें |
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    13w
    Vishwa Mohan's profile photo
    Vishwa Mohan
    आभार। आपको भी समस्त पर्वों की शुभकमनाएं!
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  2. NITU THAKUR: मैं बाती, तू मेरी जोत बन,
    आलोकित कण-कण कर जाओ.
    ब्रह्म-ज्योति जग जगमग कर दे,
    दीप जलाओ दीप जलाओ
    very nice ......Happy dipawali
    Vishwa Mohan: आभार एवम आपको सपरिवार इस व्रत श्रृंखला के सभी उत्सवों की शुभकामना!!!
    NITU THAKUR: +Vishwa Mohan ji Thanks

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  3. Kusum Kothari's profile photo
    Kusum Kothari
    Moderator
    +1
    वाह वाह अतिसुन्दर अप्रतिम।
    दीप जलाओ दीप जलाओ सुंदर पवित्र भाव राग विराग साथ साथ, अद्भुत काव्य।
    धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं।
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    Oct 17, 2017
    Vishwa Mohan's profile photo
    Vishwa Mohan
    +1
    +Kusum Kothari आभार और आगामी सभी व्रत त्योहारों की बधाई और शुभकामनाएं!
    Oct 17, 2017
    NITU THAKUR's profile photo
    NITU THAKUR
    +1
    धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं।
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    Oct 18, 2017
    Vishwa Mohan's profile photo
    Vishwa Mohan
    आपको भी सपरिवार शुभकामनाएं!

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  4. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    २१ अक्टूबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।,

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  5. खूबसूरत उपमाओं से सुसज्जित ,लाजवाब रचना विश्व मोहन जी ।

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  6. शुभकामनाएं। सुन्दर रचना।

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  7. बढ़िया

    दिवाली की अनंत शुभकामनाएं

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  8. वाह!क्या लय है। अद्भुत।

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  9. जीवन के प्रतिकुल विषम में,
    प्रेम राग ही संजीवन है.
    कर्म ज्ञान प्रचंड प्रांगण में,
    शीतल भक्ति रस रंजन है
    वाह!!!!
    हमेशा की तरह बहुत ही लाजवाब सृजन
    दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं...

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  10. कौनसी पंक्ति का यहाँ उल्लेख करूँ, समझ नहीं पा रही हूँ। हर पंक्ति काव्यसौंदर्य के साथ साथ विचारसौंदर्य का अनुपम उदाहरण है। बहुत बहुत बधाई सुंदर रचना के लिए।

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    1. जी, अत्यंत आभार आपका।

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  11. सुर सप्तक सम्राज्ञी साधो,
    आओ दीपक राग सुनाओ.
    चित चहके, मन मह मह महके,
    अंधेरे में दीया जलाओ.
    प्रियतमा को अत्यंत आत्मीय उदबोधन आदरणीय विश्वमोहन जी | गेयता और माधुर्य से भरी रचना के लिए हार्दिक शुभकामनायें |

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    1. आपकी संजीवनी समीक्षा हमेशा प्रेरणा देती है मेरी लेखनी को। अत्यंत आभार।

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  12. ये जग है माटी का दीया,
    तैल तृष्णा आप्लावित है.
    अज्ञान अमावस है कातिक की,
    घोर तिमिर धरा शापित
    लाजवाब जीवन दर्शन👌👌👌🙏🙏

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    1. और लाज़वाब आशीर्वाद। तीसरी बार😀 अत्यंत आभार।

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  13. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 14 नवंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  14. अति सुंदर एवं भावपूर्ण रचना। साधुवाद।

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  15. मैं बाती, तू मेरी जोत बन,
    आलोकित कण-कण कर जाओ.
    ब्रह्म-ज्योति जग जगमग कर दे,
    दीप जलाओ दीप जलाओ.
    सुंदर रचना

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  16. शुभ हो दीपोत्सव सभी के लिये मंगलकामनाएं।

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  17. ये जग है माटी का दीया,
    तैल तृष्णा आप्लावित है.
    अज्ञान अमावस है कातिक की,
    घोर तिमिर धरा शापित है
    –सच्ची भावाभिव्यक्ति.. उम्दा सृजन हेतु बधाई
    दीपोत्सव की शुभकामनाएँ

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  18. बहुत सुन्दर सरस रचना |

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  19. हाँ सखा दीप जलाओ
    अंधियारा कुछ जीत रहा है
    पाखंड अप्रचार अप्रसार की
    का अंधकार पसरा है
    घी प्रीत का उझलो मन भर
    दीप से दीप सुलग उठे निरंतर
    शीत तमस को परे सरका कर
    विश्व परिसर को उज्ज्वल कर जाओ
    दीप जलाओ
    दीप जलाओ
    प्रेम शांति की ज्योत ले आओ 😍

    Happy Diwali my Friend 😍
    Sabina

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    1. वाह! बहुत सुंदर संदेश🌹🌹🌹

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