जड़ भूत संजोती
कुक्षी में,
तत्व-प्राण,
कण-कण तर्पण.
प्रणव पुरुष
चिन्मय मानस,
चेतन अमृत
अक्षत अर्पण.
पल-पल का
पलकों पर पालन,
प्रसवन पल्लव
फुलवारी की.
श्वास सुवास
सृष्टि शोभित,
पर्याय
कवयित्री नारी की.
अंकों में
सृजन ब्रह्म चितवन,
सिंचित पयधार
आनन उपवन.
शिरा शोणित
धमनी धक् धक्,
रचती सुर तार
सृष्टि सप्तक.
अहर्निशं उर
की धड़कन बन,
अनहद अक्षर अकवारी
सी.
प्रवहमान शब्द
सुरसरी सी,
पर्याय
कवयित्री नारी की.
काया
प्रतिछाया माया की,
प्रतिभास पराये अपनों की.
अहक एकाकी अंतस का,
सतरंग कल्पना सपनों की.
भाव संजोये शब्दों में,
लय ताल लहर किलकारी सी.
रचे ऋचा संजीवन सी,
पर्याय कवयित्री नारी की.
प्रतिभास पराये अपनों की.
अहक एकाकी अंतस का,
सतरंग कल्पना सपनों की.
भाव संजोये शब्दों में,
लय ताल लहर किलकारी सी.
रचे ऋचा संजीवन सी,
पर्याय कवयित्री नारी की.
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ReplyDeleteNITU THAKUR
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बहुत ही सुंदर...उम्दा लेखन।
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Vishwa Mohan
+NITU THAKUR आभार!!!
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RAJ DWRITER
+2
कठिन शब्दों के संकलन को समझने मेहनत जरूर करनी पडी पर आपकी रचना में जो लयबद्धता है ,बडा आनंद आया। आपको प्रणाम।
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Vishwa Mohan
+1
+RAJ DWRITER जी, बहुत आभार आपके आशीर्वचनों का!!!!
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Meena Gulyani
+1
bahut sunder
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अमित निश्छल
+1
बेहतरीन.... उत्कृष्ट रचना आदरणीय👌👌👌👏👏👏
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Vishwa Mohan
+Meena Gulyani आभार!!!
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Vishwa Mohan
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+AMIT NISHCHHAL आभार!!!
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Renu
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बहुत ही अप्रितम भाव को सहेजती भावपूर्ण रचना आदरणीय विश्वमोहन जी |सचमुच नारी और कवयित्री एक दूसरे की पर्याय हैं | यूँ तो कवयित्री भी नारी ही होती है उसमे भी नारीत्व होता है पर हर नारी में काव्यात्मक प्रतिभा हो ये संभव नहीं | दोनों का ही कर्म सृजन है | बहुत ही गहरे चिंतन का उद्घाटन करती रचना अपने आप में बहुत ही अर्थपूर्ण है | और अनुप्रास तो आपके सृजन की शोभा है मानो स्वयं ही आकर रचना में आ समा जाता है और अपनी छटा बिखेर देता है |
ये पंक्तियाँ खास लगी ---
अंकों में सृजन ब्रह्म चितवन,
सिंचित पयधार आनन उपवन.
शिरा शोणित धमनी धक् धक्,
रचती सुर तार सृष्टि सप्तक.----------
सरस शब्दावली और आपकी जानी पहचानी शैली में रची इस सुंदर रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाये | सादर -
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Vishwa Mohan
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+Renu हार्दिक आभार!!!
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Indira Gupta
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👏👏👏👏👏👏👏आफरीन विश्व मोहन जी आफरीन ....शब्दों के ग्रंथ हो आप सहज भाव से लेखनी से बहते है ..और जज्बातों का क्या कहना द्रुत गति से कलम नोक आ जाते है !
सहज भाव सरस तरीका लेखनी आपकी अद्भुत है ! रेनू जी का हर शब्द उचित है जो भी उन्होनें लिखा है !
नमन
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Meena Gulyani
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bahut hi sunder rachna
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Vishwa Mohan
+Indira Gupta
सब आपका ही है, आप सब के आशीष की सघनता कलम की नोक पर विराजमान हो शब्दों में प्रवाहित होते रहती ही! ह्रदय तल से आभार!!!
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NITU THAKUR
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Aap se ek anurodh Hai
Rachna ke niche kuch kathin shabdon ka arth bhi likh Diya kijiye...jis se samjhne me asani ho aur hamare Hindi gyan me vrudhi bhi...Kavita bahut acchi Hai pr kuch shabdon ke arth samajh nahi aate.
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Vishwa Mohan
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+NITU THAKUR जी ,अच्छा सुझाव. आभार!!!
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Meena Gulyani
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khoobsurat rachna
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Vishwa Mohan
+Meena Gulyani बहुत आभार आपका!!!