Friday 13 May 2016

मोर अँगनैया

बावरी बयार बाँचे
आगी लागी बगिया.
जोहे जोहे  बाट जे
बिलम गयी अँखिया .
सुरज धनक गये
झुलस गयी भुँइया.
दुबकी दुपहरी
बरगद के छैंया .

गौरैया,
ले रे बलैया,
मोर अँगनैया.

चप चप कंचुकी
चिपक गयी अँगिया.
छुइमुइ छतिया
सरम गयी सखियाँ.
मोंजरे अमवा के
पतवा पतैया.
टपके पसीनवा
चट चट चटैया.

गौरैया,
ले रे बलैया,
मोर अँगनैया.

पिआसे परान फाटे,
उमस कसैया.
पनघट तरसत
ताल तलैया.
जिअरा जोआर जारे
हिअरा हुकार मारे.
सगरो गोहार करे
आव पुरवइआ.

गौरैया,
ले रे बलैया,
मोर अँगनैया.

सागर हिलोरा ले
घटवा अकोरा ले.
घन घरसन करे
मेघ बरसइआ.
चेतन जगत भयो
हरी हरीअइआ.
गुलशन गुलज़ार
चहके चिरैया.

गौरैया,
ले रे बलैया,
मोर अँगनैया. 

3 comments:

  1. Indira Gupta's profile photo
    Indira Gupta
    +1
    सरस कोई भी भाषा हो आपकी रचना तारतम्यता लिये होती है ! उम्दा
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    37w
    Vishwa Mohan's profile photo
    Vishwa Mohan
    आपके आशीष भी तो उतने ही उदार और सरस होते हैं। बहुत आभार आपका!!!
    37w
    Indira Gupta's profile photo
    Indira Gupta
    +Vishwa Mohan
    🙏आशीष ..😃😃
    सूर्य को दीपक दिखा सकता है कौन
    🙏🙏🙏🙏
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  2. anchal pandey: वाह वाह बेमिसाल रचना
    अब इससे सुंदर और क्या लिखा जा सकता है
    सरस सुंदर भाव लिए गाती हुई रचना
    अद्भुत अतुलनीय 👌
    सादर नमन सुप्रभात आदरणीय सर 🙇
    Vishwa Mohan: अत्यंत आभार!!!

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  3. anchal pandey's profile photo
    anchal pandey
    Moderator
    +1
    बहुत सुंदर
    लाजवाब रचना आदरणीय
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    37w
    Vishwa Mohan's profile photo
    Vishwa Mohan
    Moderator
    +1
    +anchal pandey अत्यंत आभार आपके आशीष का, हृदय तल से!
    37w
    anchal pandey's profile photo
    anchal pandey
    Moderator
    +Vishwa Mohan you deserve it respected Sir
    37w
    Indira Gupta's profile photo
    Indira Gupta
    Moderator
    +2
    आओ चिरईया
    मेरे अँगनाईया ....सुन्दर लोकगीत का रंग लिये लेखन ...👌👌👌👌👌

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