ज़िन्दगी की कथा बांचते बाँचते, फिर! सो जाता हूँ। अकेले। भटकने को योनि दर योनि, अकेले। एकांत की तलाश में!
बधाई और शुभकामनाएं। बहुत सुन्दर समीक्षा।
जी, अत्यंत आभार।
सार्थक समीक्षा!! हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2050...क्योंकि वह अपनी प्रजा को खा जाता है... ) पर गुरुवार 25 फ़रवरी 2021 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सुन्दर समीक्षा
जी,अत्यंत आभार!!!
अच्छी समीक्षा, अगर यहाँ टंकण भी कर देते तो अच्छा रहता।
जी, विचार तो बहुत अच्छा है, लेकिन अब इस वाचन को लिखने में थोड़ा उद्योग करना पड़ेगा😀😀🙏🙏
अच्छी समीक्षा,ढेरों शुभकामनाएं,सादर नमन आपको
जी, अत्यंत आभार!!!
बधाई और शुभकामनाएं। बहुत सुन्दर समीक्षा।
ReplyDeleteजी, अत्यंत आभार।
Deleteसार्थक समीक्षा!! हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏
ReplyDeleteजी, अत्यंत आभार।
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2050...क्योंकि वह अपनी प्रजा को खा जाता है... ) पर गुरुवार 25 फ़रवरी 2021 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteजी, अत्यंत आभार।
Deleteसुन्दर समीक्षा
ReplyDeleteजी,अत्यंत आभार!!!
Deleteअच्छी समीक्षा, अगर यहाँ टंकण भी कर देते तो अच्छा रहता।
ReplyDeleteजी, विचार तो बहुत अच्छा है, लेकिन अब इस वाचन को लिखने में थोड़ा उद्योग करना पड़ेगा😀😀🙏🙏
Deleteअच्छी समीक्षा,ढेरों शुभकामनाएं,सादर नमन आपको
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