Friday, 24 April 2020

नमन दिनकर, नमन दिनकर!!!

आज  राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की पुण्यतिथि है। कहते हैं, मृत्यु से पूर्व दिनकरजी ने रामेश्वरम के सागर तट पर अंतिम बार रश्मिरथी का पाठ किया था। भारतीय साहित्य के  इस देदीप्यमान नक्षत्र को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि ,शत शत नमन और विनम्र शब्दांजली : -

अक्षर अंगारे, शब्द ज्वाल,
स्वर टंकार, भयभीत काल।

प्रकम्पित-से,  पर्वत गह्वर,
प्रवहमान कविता निर्झर।

रामेश्वरम का सागर तट,
उड़ेला रश्मि रथी का घट।

उछली उर्मी, उल्लसित धार
पुलकित पयोधि, न पारावार।

अहके अर्णव,  क्या दूँ मैं वर?
करबद्ध कोविद, कहें कविवर।

थाम जलधाम,  ये शब्द वीणा
मृत्यु दक्षिणा, मृत्यु दक्षिणा!

नि:सृत नयनन, नीरनिधि नीर
उठे  उदधि  उर  लिए  चीर।

मुख लाल क्षितिज किये रत्नाकर
समेटे रश्मि, डूबे दिवाकर।

कालजयी कवि  अजर-अमर
नमन दिनकर, नमन दिनकर।



36 comments:

  1. नमन दिनकर! नमन दिनकर!
    सुंदर अभिव्यक्ति।
    सादर।

    ReplyDelete
  2. व‍िश्वमोहन जी, न‍ि:शब्द करने वाली रचना ...वाह... ये चांद का कुर्ता से लेकर रेणुका , कुरुक्षेत्र और नीम के पत्ते तक काव्य को ले जाने वाले द‍िनकर के ल‍िए आपकी ये पंक्त‍ियां सच्ची श्रद्धांजल‍ि हैं

    ReplyDelete
    Replies
    1. दिनकरजी के उदात्त प्रेम और सम्मान में पगी आपकी भाव प्रवण पंक्तियों का हृदय से आभार।

      Delete
  3. कालजयी कवि अजर-अमर
    नमन दिनकर, नमन दिनकर।
    महान कवि दिनकर जी की पुण्य स्मृति में श्रद्धांजलीस्वरूप लाजवाब सृजन....
    🙏🙏🙏🙏

    ReplyDelete
  4. आदरणीय विश्वमोहन जी ,दिवंगत कविवर दिनकर के प्रति श्रद्धा और भावों के अविरल निर्झर सी, निशब्द करती भावांजलि!!शब्द चयन और लयबद्धता के साथ दिनकर जी के जीवन के अंतिम पल रचना में अनायास जीवंत हो रहे हैं | | इससे बढ़कर एक स्नेही कवि की अपने पुरोधा कवि को क्या श्रद्धांजलि होगी |

    मुख लाल क्षितिज किये रत्नाकर
    समेटे रश्मि, डूबे दिवाकर

    कालजयी कवि अजर-अमर
    नमन दिनकर ! नमन दिनकर !!
    साहित्याकाश के अटल सूर्य कवि दिनकर को कोटि नमन !!

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपके सुंदर शब्दों का अत्यंत आभार रेणु जी, हृदय तल से!

      Delete
  5. राष्ट्रकवि को शत शत नमन |

    ReplyDelete
  6. डूबे दिवाकर ...
    सच है दिनकर जी सच्चे अर्थों में देख के दिवाकर थे जिन्होंने ओजस्वी और हिन्दी भाषा और समाज को नया आयाम दिया ... नमन है मेरा ...

    ReplyDelete
  7. A good informative post that you have shared and thankful your work for sharing the information. I appreciate your efforts and all the best Aaj Ka Suvichar in Hindi this is a really awesome and i hope in future you will share information like this with us

    ReplyDelete
  8. बेहद सुंदर रचना।

    ReplyDelete
  9. I am really happy to say it’s an interesting post to read APJ Abdul Kalam Quotes in Hindi this is a really awesome and i hope in future you will share information like this with us

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत विस्तार में हमारे प्रिय राष्ट्र नायक कलाम के विस्त्यंहै में अत्यंत शिक्षाप्रद जानकारी के लिए हृदय से आभार।

      Delete
  10. इसे पढ़ कर कवि दिनकर की ही एक कविता 'कवि की मृत्यु'की पंक्तियाँ स्मृति में कौंधने लगीं
    उन्हीं की कुछ पंक्तियाँ उन पर सार्थक होती हैं-
    आवरण गिरा, जगती की सीमा शेष हुई,
    अब पहुंच नहीं तुम तक इन हाहाकारों की।
    नीचे की महफ़िल उजड़ गयी, ऊपर कल से
    कुछ और चमक उट्ठेगी सभी सितारों की।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी, अत्यंत आभार आपका इन पंक्तियों को साझा करने के लिए।

      Delete
  11. Ye hame kafi achi lagi. Dhaniyawad apka inko likhne ke liya.

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी, आभार आपके सुंदर शब्दों का!!!

      Delete
  12. You are the best sir. I really like all the lines.

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी, अत्यंत आभार आपके प्रेरक शब्दों का।

      Delete
  13. This is very intresting post and I can see the effort you have put to write this quality post. Thank you so much for sharing this article with us.
    friendship quotes telugu
    lusty Quotes

    ReplyDelete
  14. साहित्य के सूर्यकवि 'दिनकर जी 'की पुण्य स्मृति को सादर नमन ___
    कालजयी कवि अजर-अमर
    नमन दिनकर, नमन दिनकर।
    🙏🙏🌷🌷🙏🙏🌷🌷🙏🙏

    ReplyDelete
  15. वाह मुग्ध करती अभिव्यक्ति!
    दिनकर सम दिनकर ।

    ReplyDelete
  16. नमन दिनकर नमन दिनकर। बहुत सुन्दर।

    ReplyDelete