Saturday, 25 January 2014

जय सचिन, जय जय सचिन

षोडस के कोमल वय में ही
पाकिस्तान मे प्रथम प्रदर्शन,
प्रतिद्वंदी हो गये थे मुर्च्छित
थम गयी थी हर दिल की धड़कन.

चमत्कृत सारा भुवन है
यह तो कोई धुमकेतु है,
आर्यपुत्र क्रीड़ा गौरव यह
खेल जगत का महासेतु है.

चक्रव्यूह चाणक्य सा रचता
शौर्य-कला का चंद्रगुप्त है,
बल्ले से कर करे सुशोभित
देख विपक्षी हुआ सुप्त है.

विश्वविजय के अरुण केतन को
थामे यह कौन वीर पुत्र है,
किंवदंती और कालजयी यह
या क्रिकेट का मूल सूत्र है.

पवनपुत्र यह, सूर्यपुत्र यह
धर्मयुद्ध का शंख बजाये,
सागर पार वार कर आये
भारत मां की शान बढ़ाये.

जग में जन जहां भी जाते
पाते कण कण कीर्त्ति गाते,
ब्रेड्मैन, सोबर्स सब इसके
कर दर्शन न कभी अघाते.

कर अतिक्रमण कुल कीर्त्तिमानों का
रच दिया लाल ने नया सोपान,
वानखेड़े के प्रशस्त प्रांगण में
गुंज  रहा  है  रजत गान.

आज हिमालय नत मस्तक है
थम गयी है लहरें सागर की,
नयनों में मय नीर आज छलके
करें  विदायी  तेंदुलकर  की.

प्रशस्ति को शब्द भी तरसें
भाव निःशब्द, भाषा है दीन,
आओ  भारतवंशी  गायें
जय सचिन, जय जय सचिन.
-----------------विश्वमोहन


1 comment:

  1. Meena Gulyani's profile photo
    Meena Gulyani
    +1
    wah
    41w
    Vishwa Mohan's profile photo
    Vishwa Mohan
    +Meena Gulyani आभार!!!
    41w
    NITU THAKUR's profile photo
    NITU THAKUR
    Owner
    +1
    Bahut accha likha aap ne....aap ke pas to shabdon ka bhandar Hai....aap ki alag lekhan shaili hi sahitya jagat me aap ki ek alag pahchan banati Hai...hum to Sikh rahe Hai aap se
    41w
    Vishwa Mohan's profile photo
    Vishwa Mohan
    +1
    +NITU THAKUR अत्यंत आभार आपका!!!
    41w

    Add a comment...
    4 plus ones
    4
    no shares

    ReplyDelete