Saturday, 25 January 2014

चांद फिर क्यूं रुठा है ?

आज चांद फिर क्यूं रुठा है,
अम्बर का तारक टूटा है.
या घोर घटा के घिर जाने से,
तारिकाओं  से तार छूटा है.

या अमावस के आने से,  
अंधेरे का घड़ा फूटा है.
अवनि से लेकर अंतरिक्ष तक,
काली रजनी ने सब लूटा है.

कल पुनम फिर आज अमावस,
इस चक्र-चिंतन में दम घुटा  है.
प्रकृति पुरुष परिवर्तन पर्व में,
ब्रह्म सत्य और सब झूठा है.

तब ! चांद  फिर क्यों रूठा है ?

         ---------- विश्वमोहन 

4 comments:

  1. अमित जैन 'मौलिक''s profile photo
    अमित जैन 'मौलिक'
    Owner
    +1
    तब ! चांद फिर क्यों रूठा है ?

    वाह वाह। अनुपम। अप्रतिम कविवर


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    Oct 6, 2017
    Vishwa Mohan's profile photo
    Vishwa Mohan
    आभार, आपके ओजस्वी आशीष के लिए!

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  2. Roli Abhilasha (अभिलाषा): Karva chauth aa raha chand to rutha hi rahega.
    Manana padega.
    Bahut sundar shaili hai apki.
    Vishwa Mohan: फिर तो चाँद को मनाना पड़ेगा ! बहुत आभार आपका!

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  3. Rinki Raut: Great
    Vishwa Mohan: +Rinki Raut शुक्रिया!

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  4. आज चांद फिर क्यूं रुठा है,
    अम्बर का तारक टूटा है.
    या घोर घटा के घिर जाने से,
    तारिकाओं से तार छूटा है.
    वाह !!!!!!!!!!क्या अभिव्यक्ति ही और क्या कल्पना !!!!!! सादर

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